
प्रोफेसर पार्थ प्रतिम चक्रवर्ती
निदेशक, आईआईटी खड़गपुर
पार्थ प्रतिम चक्रवर्ती ने अपनी बी.टेक. वर्ष 1985 में तथा पीएचडी वर्ष 1988 में संगणक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर से पूरी की। एक संकाय सदस्य के रूप में आपने इसी विभाग में सन 1988 से कार्य प्रारम्भ किया तथा वर्तमान में आप एक प्रोफेसर हैं। आप अत्याधुनिक वीएलएसआई प्रयोगशाला के प्रभारी प्रोफेसर रहे हैं, जिसकी स्थापना करने में आपका योगदान रहा है तथा आप आईआईटी खड़गपुर में प्रायोजित अनुसंधान एवं औद्योगिक सलाहकारिता केन्द्र के डीन भी रहे हैं। आप जनरल मोटर्स-आईआईटी खड़गपुर की इलेक्ट्रॉनिक्स, कन्ट्रोल्स एवं सॉप्टवेयर की कोलैबोरेटिव रिसर्च लैबोरेटरी के सह-निदेशक भी रहे हैं। आपने सर्वप्रथम आईआईटी खड़गपुर में उद्भवन (इन्क्युबेशन) कार्यक्रम के विकास का कार्य प्रारम्भ किया। आपके कार्य के पसंदीदा क्षेत्रों में कृत्रिम बौद्धिकता (एआई), फ़ॉर्मल मेथड्स, वीएलएसआई एवं एम्बेडेड सिस्टम्स के लिए कैड (सीएडी), फ़ॉल्ट टॉलरेन्स एवं एल्गोरिदम डिज़ाइन आदि हैं।
डॉ. चक्रवर्ती ने अनेक नवीन अनुसंधान कार्यों में अंशदान किया है तथा अनेक अनसुलझी जटिल समस्याओं को सुलझाया है। आपके कार्यों को अनेक पाठ्य पुस्तकों में समाहित किया गया है तथा अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों में औद्योगिक स्तर पर उपयोग किया गया है। आपके 200 से अधिक लेख अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं एवं सम्मेलनों में प्रकाशित हुए हैं तथा आपने दो दर्जन से अधिक पीएचडी छात्रों के शोध-कार्यों का पर्यवेक्षण किया है। आपने सरकार तथा उद्योगों के साथ करीबी के साथ कई समस्याओं पर कार्य किया है तथा उनका समाधान किया है। साथ ही आपने कई बड़ी परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों में राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व कर उन्हें पूरा किया है। इनमें कुछ महत्वपूर्ण नाम हैं – डीएसटी, सीएसआईआर, आईजीएसटी, वोक्सवैगन फाउन्डेशन, नेशनल सेमिकन्डक्टर कॉरपोरेशन, सन माइक्रोसिस्टम्स, इन्टेल कॉरपोरेशन, सिनॉप्सिस, जनरल मोटर्स, ज़ेरॉक्स आदि। आप एक ऐसे प्रख्यात अध्यापक एवं मार्गदर्शक (मेन्टॉर) हैं जिन्होंने ना केवल अनेक छात्रों को स्नातक बनाया तथा प्रशंसा-योग्य शिक्षण मॉड्यूल तैयार किए, बल्कि कई छात्रों द्वारा नवीन विकासों एवं उद्यमशीलता को प्रोत्साहित किया है जिससे उन्हें अनूठी सफलताएँ प्राप्त हुई हैं।
डॉ. चक्रवर्ती को राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक (1985), आईएनएसए युवा बैज्ञानिक पुरसकार (1991), अनिल के. बोस पुरस्कार (1995), आईएनएई युवा इंजीनियर पुरस्कार (1997) तथा स्वर्ण जयंती फेलोशिप (1997-98), शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार (2000), आईएनएई विश्वेस्वरैया चेयर प्रोफेसरशिप (200709), जे. सी. बोस फेलोशिप (2013) तथा अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। आप इंडियन नेशनल साइंस अकादमी, नई दिल्ली, इंडियन अकादमी ऑफ साइंस, बैंगलोर, इंडियन नेशनल अकादमी ऑफ इंजीनियरिंग तथा पश्चिम बंगाल अकादमी ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी के फेलो चुने गए हैं।